अभी तू कुंवार वाडू ओढ ल ओढनिया-२
ऐ सुग्गी-३ ऐ सुग्गी ऐ सुग्गी-२
तु मत मार मुसुकी चवनिया-२
कपड़ा के फाड़दी दुनाली के नोखी
बुढ़वो जब देखी त आवे लगी खोखी-२
अभी से सुधार ल तू आपन रहनिया-२
ऐ सुग्गी-२ तू मत...
जब तू पहिरेलू टू पीस मेक्सी,
जोवना उधर जाला लागेलू सेक्सी-२
नवही के मुंहमा में चुवतावे पनिया-२
ऐ सुग्गी.....
तू मत....
नागिन जइसे लचके पतरी कमरिया
बुढ़वो पर मार देलु कनखी नजरिया-२
अरुण बाबा लिख देहके तोहरो कहनियां-२
ऐ सुग्गी........
तू मत.................
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