जइसे बगलवाली से जान छुटल
सामने वाली से नैना चार हो गइल
एक दिना में टक्कर तेरह बार हो गइल
ऊ धीरे से हंस के नैना झुका लिहली-२
उनके खातिर बीच मुहल्ला मार हो गइल........
रंग मत पूछी कोरे कोर
गोरे गोरे पे तिल काली काली
मय से भरल जइसे छलकत हो प्याली
सोचते रही तबले ऊ पूछ दिहल
लागत बा तोहरा के कोई से प्यार हो गइल............
आही दादा फेर हमरा बोखार हो गइल-२
उनका एक अदा पे बेकरार हो गइल,
सामने...............
हाल मत पूछी ऊ जुल्मी जवानी के-२
लम्बी लम्बी केश जिंस टी शर्ट निशानी के-२
वर्णन करी कइसे चेहरा के पानी के-२
रात भर न उनहु के लागल उंघाई-२
भोरे हरिअर ड्रेस में तैयार हेा गइल,
पल..................
फिर त छत से कूदे के विचार हो गइल......................
आज काल करते सप्ताह बितल छन में-२
काल्ह त कही देब ठान लेली मन में
रातकर बीतल सपन में चमन में-२
भिनसरे जगली त भीड़ रहे लागल
पता चलल उ कोई संगे फरार हो गई-२
जियरा में घाव बरिचार हो गइल
ना जाने ऊ प्रीत के कइसन सिला दिहली,
पलभर में बदलल बदलल संसार हो गईल......................
अब गाना देखें
अब गाना देखें
0 comments:
Post a Comment